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महासचिव सन्देश ( डा. बिपिन कुमार )

महासचिव सन्देश ( डा. बिपिन कुमार )

डा. बिपिन कुमार ने अपने स्वागत भाषण में मंचासीन अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मंच पर विराजमान गणमान्य व्यक्तियों को सुनना अपने आप में एक अनूठा संयोग है। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को स्वागत करते हुए भाइयों एवं बहनों से संबोधित किया। मीडिया के लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि आपके सहयोग के कारण ही आज का हिन्दी दिवस समारोह सफल और सार्थक होगा। डा. बिपिन कुमार ने श्री अश्विनी कुमार चैबे जी के प्रति विशेष रूप से आभार जताते हुए कहा कि उनके सहयोग व संरक्षण के कारण ही आज हिन्दी दिवस का कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो पाया।

वक्तव्य देते हुए डा. बिपिन कुमार ने कहा कि समय और परिस्थितियां बदल रही हैं, बदलते परिवेश में लोगों की सोच भी बदल रही है। उन्होंने राष्ट्रनायक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि, जब हमारे प्रधानमंत्री विदेशी सरजमीं पर हिन्दी में अपना भाषण देते हैं, तो सवा सौ करोड़ देशवायिों का सीना गर्व से चैड़ा हो जाता है, उनको एहसास होता है कि जब हमारे प्रधानमंत्री विदेशों में अपनी भाषा में बात करते है तो हम अपने ढंग में हिन्दी में क्यों नही बात कर सकते। उन्होंने हिन्दी जगत की महान हस्ती और कवि भारतेन्दु हरिशचन्द्र को याद करते हुए कहा कि कविवर ने राष्ट्रोत्थान का जो मूल मंत्र दिया, उसे हमें आत्मसात करना चाहिए।

 

"निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। 

बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिग्त न हिय के सूल।"