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प्रेस विज्ञप्ति

विश्व हिंदी परिषद द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय भाव आयोजन में गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने कहा 'हिंदी को पेट की भाषा बनाने की ज़रूरत'

13-14 सितम्बर को विश्व हिंदी परिषद द्वारा आयोजित भव्य दो दिवसीय अंतरष्ट्रिय सम्मेलन में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में एक टिप्पणी करते हुए गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा

दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में, अमेरिका सहित कई देशों के साहित्यकार हुए थे शामिल जो कि 13-14 सितम्बर को एन. डी. एम. सी. सभागार नई दिल्ली में

दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में, अमेरिका सहित कई देशों के साहित्यकार हुए थे शामिल 
जो कि 13-14 सितम्बर को एन. डी. एम. सी. सभागार नई दिल्ली में विश्व हिंदी परिषद द्वारा आयोजित हिंदी सम्मेलन में 13 सितम्बर को गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, राज्यमंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय,भारत सरकार  डॉ जितेंद्र सिंह, आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य  डॉ इंद्रेश कुमार, केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल, विश्व हिंदी परिषद के महासचिव  डॉ बिपिन कुमार, जेडीयू के नेता  के सी त्यागी, नीति आयोग के प्रमुख सलाहकार  अनिल श्रीवास्तव व एन डी एम सी सचिव  रश्मि सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया।

https://epaper.amarujala.com/delhi-city/20190914/09.html?format=img&ed_code=delhi-city

विश्व हिंदी परिषद द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री इंद्रेश कुमार_जी ने कहा की #पाँच टुकड़ों में विभाजित होने वाला है #पाक :, जागरण संवाददाता

हिंदी दिवस

गाँधी एक ऐसा व्यक्तित्व है जिसे समझने के लिए वैचारिकी का मजबूत होना ठीक उसी तरह आवश्यक है जैसे विज्ञान को समझने के लिए तर्क, समाज को समझने के लिए साहचर्य और संवेदना, साहित्य को समझने के लिए सृजन, राजनीति को समझने के लिए राग व विवेक, संस्कृति को समझने के लिए सद्भावना और संबंधों को समझने के लिए भावनाओं इत्यादि का होना अनिवार्य है। गाँधी के व्यक्तित्व का आयाम इतना विशाल और विहंगम है कि इसे जितने कोणों से देखें उतने ही दृष्टिकोणों का निर्माण होता है। विश्व हिंदी परिषद द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य आज के समय में वाद, संवाद और सन्देश के विमर्श में बहुआयामी गाँधी के व्यक्तित्व और कृतित्व को वैश्विक परिदृश्य में अवलोकित करने का विनम्र प्रयास है।